मनसा देवी मंदिर के सीढ़ी मार्ग में हुए हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मनसा देवी मंदिर प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, श्रीमहंत मोहन भारती महाराज व श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज समेत हजारों संतों ने मनसा देवी मंदिर हादसे और उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा के मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। हरिद्वारः मनसा देवी मंदिर में 27 जुलाई को हुए हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी और 38 लोग घायल हुए थे। दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए शनिवार को मंदिर ट्रस्ट द्वारा निरंजनी अखाड़े में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धांजलि सभा में दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित कर भगवान से उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना की गई। भंडारे का आयोजन भी किया गया। जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, मनसा देवी मंदिर के अध्यक्ष, निरंजनी अखाड़ा परिषद के सचिव व अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, जूना अखाड़े के सभापति श्रीमहंत मोहन भारती महाराज, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मठ मंदिर के पीठाधीश्वर व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि, हिमालय पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री महंत वीरेंद्र आनंद महाराज समेत सभी अखाड़ों के साधु-संत श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए और मनसा देवी मंदिर हादसे तथा धराली, थराली समेत उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों की प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि किसी भी तीर्थ स्थल पर श्रद्धालु जब जाएं तो धैर्य और संयम बनाए रखें। इससे भगवान के दर्शन-पूजन तो होंगे ही, साथ ही किसी भी प्रकार की भगदड़ भी नहीं होगी। मनसा देवी मंदिर में हुआ हादसा जल्दबाजी और अफवाहों पर विश्वास करने के कारण ही हुआ। श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि 27 जुलाई को मंदिर में हुआ हादसा अत्यंत दुखद था। भगवान से यही प्रार्थना है कि ऐसी कृपा बरसाएं कि फिर कभी ऐसा हादसा न हो और हादसे में मारी गई सभी दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। श्रीमहंत मोहन भारती महाराज ने कहा कि किसी भी तीर्थ स्थल पर जब भी भीड़ अधिक हो तो उस समय श्रद्धालुओं को धैर्य और संयमता का परिचय देना चाहिए। महामंडलेश्वर श्री महेंद्र आनंद गिरि महाराज ने कहा उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा से समस्त साधु समाज अत्यंत व्यथित हैं तथा ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि भविष्य में ऐसी आपदा ना आए। उन्होंने मनसा देवी हादसे में हताहत हुए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके मोक्ष की कामना की।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि शनिवार को सप्तमी तिथि और सप्तमी का श्राद्ध था। सप्तमी तिथि माता रानी की तिथि होती है। इसी कारण सप्तमी तिथि को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई। देश के सभी साधु-संत मनसा देवी मंदिर और उत्तराखंड की प्राकृतिक आपदाओं से मारे गए लोगों के परिजनों के साथ खड़े हैं। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में उदासीन अखाड़े के महामंडलेश्वर हरि चेतनानंद महाराज,, निर्मल अखाड़े के जसविंदर सिंह, जूना अखाड़े के महामंत्री श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज, मंत्री श्रीमहंत ओम भारती महाराज, मंत्री श्रीमहंत महाकाल गिरि महाराज, आदि शामिल थे।