हरिद्वार/ भेल स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के पहले प्रकाश पर्व पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। रविवार को गुरुद्वारा में तीन दिन से चल रहे श्री अखंड पाठ के समापन अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुगणों ने गुरुद्वारे पहुंचकर श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के आगे माथा टेका। प्रधान सुदीप सिंह सलूजा ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री गुरु ग्रन्थ साहिब का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। कार्यक्रम में रागी जत्था भाई गुरविंदर सिंह पंछी जगाधरी वाले, भाई मनोज सिंह, भाई संजय सिंह और स्थानीय बच्चों ने शब्द कीर्तन से संगत को निहाल किया। रागी जत्थों ने कथा सुनाते हुए कहा कि गुरु अर्जुन देव ने वर्ष 1604 में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब का हरमंदिर साहिब अमृतसर में पहला प्रकाश पर्व मनाया गया। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह ने सभी सिक्खों को श्री गुरु ग्रन्थ साहिब को गुरु मानने का हुकम जारी किया था। श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में जो उपदेश हैं उन्हें अपनाओ और जीवन को सफल बनाओ। परमात्मा के सिमरन से सभी दुख दूर होते हैं। बच्चों को नाम बानी से जोड़े।
इस अवसर पर सचिव बलदेव सिंह, उज्जल सिंह सेठी, गुर्लिन मनचंदा, अमरदीप सिंह, मलकीत सिंह , हरभजन सिंह, निर्मल सिंह, उपकार सिंह सलूजा, परम सिंह, मलकीत सिंह, महिंद्र कौर, नैनी महेंद्रू, श्याम सिंह, सुरेंद्र सिंह, इंदरजीत कौर अरोड़ा, सिमरन कौर, जसविंदर कौर, हरमोहन सिंह, परमिंदर सिंह, हरभजन सिंह बाजवा, गुरमीत सिंह, गुरदयाल सिंह, सुरजीत सिंह, गुरमीत सिंह, विक्रम सिंह , राजेंद्र सिंह, लखबीर सिंह आदि सैकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।