• Tue. Dec 3rd, 2024

समाज का महत्त्वपूर्ण स्तंभ है नारी: शेफाली पण्ड्या

ByAdmin

Nov 16, 2024

शांतिकुंज से ज्योति लेकर कलश यात्रा पूर्व व पश्चिम के राज्यों में पहुँचेगी

हरिद्वार, 16 नवंबर

नवयुग का शंखनाद करने वाले युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के विचारों को लेकर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के मार्गदर्शन में ज्योति कलश यात्रा देश के विभिन्न राज्यों में निकाली जा रही है। इस अभियान के अगले चरण में देश के पूर्वी व पश्चिमी राज्यों में ज्योति कलश यात्रा के लिए कार्यकर्ताओं की तीन दिवसीय विशेष संगोष्ठी शांतिकुंज में आज प्रारंभ हुई। इस संगोष्ठी में बिहार, झारखण्ड, महाराष्ट्र, गोवा आदि राज्यों के 1500 से अधिक भाई बहिन प्रतिभाग कर रहे हैं।

गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं स्नेह सलिला श्रद्धेया शैलदीदी से प्रतिभागियों ने भेंट की और ज्योति कलश यात्रा पर विशेष मार्गदर्शन लिया। उन्होंने कहा कि समाज में देवत्व का विस्तार करने के उद्देश्य से देश भर में अलग अलग चरणों में ज्योति कलश यात्रा निकाली जा रही है। इस प्रकाश से सभी को आलोकित करना है।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शांतिकुंज महिला मण्डल की प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने कहा कि नारी समाज का महत्त्वपूर्ण स्तंभ है। नारी अब सभी क्षेत्रों में बढ़ चढ़कर कार्य रही हैं। नवयुग के उद्घोषक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी एवं माता भगवती देवी शर्मा के विचारों से जन जन को आलोकित करना है। उन्होंने कहा कि शांतिकुंज द्वारा निकाली जा रही ज्योति कलश यात्रा में बहिनों को भी सक्रिय भागीदारी निभानी है, जिससे पूज्य गुरुदेव व वंदनीया माताजी के ज्ञान प्रकाश से प्रत्येक घरों को प्रकाशित हो सके।

शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरी ने कहा कि गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य पंडित श्रीराम शर्मा आचार्यश्री ने हम सबको एक मशाल के नीचे खड़ा किया है, हम सभी जाग्रत आत्माएँ हैं। व्यवस्थापक श्री गिरी ने अखण्ड ज्योति की महत्ता एवं उसके भावनात्मक स्वरूप के साथ ही पूज्य आचार्यश्री के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व से लोगों को अवगत कराया। डॉ ओपी शर्मा श्री श्याम बिहारी दुबे, प्रो. विश्वप्रकाश त्रिपाठी आदि ने भी विचार व्यक्त किया।

——————————————

देसंविवि में समाज के अग्रदूतों की विशेष संगोष्ठी

हरिद्वार, 16 नवंबर।

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि आज की पीढ़ी को सही दिशा की आवश्यकता है। युगद्रष्टा पं० श्रीराम शर्मा आचार्य जी के भविष्य की समस्याओं का समाधान अपने साहित्य में लिख दिया है। हमें उनके उन विचारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है।

वे देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में गुजरात प्रांत से समाज के अग्रदूतों की विशेष संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। युवा आइकॉन डॉ पण्ड्या ने साल २०२६ परम वंदनीया माताजी की जन्मशताब्दी वर्ष एवं दिव्य अखण्ड ज्योति की शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही गायत्री परिवार के उद्देश्यों से अवगत कराया।

शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी ने कहा कि सत्साहित्य हमारे सबसे अच्छे मित्र व मार्गदर्शक हैं। इस अवसर पर युगऋषि पूज्य आचार्यश्री द्वारा रचित विभिन्न साहित्यों के गुजराती संस्करण का विमोचन किया गया। इस दौरान शांतिकुंज व गुजरात से आये अनेक परिजन उपस्थित रहे।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *