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57वां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव गऊ घाट पर धूमधाम से संपन्न, राधा-कृष्ण की झांकियों और शिव तांडव ने मोहा मन

ByAdmin

Aug 17, 2025

हरिद्वार, 17 अगस्त। धर्मनगरी हरिद्वार में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर 57वां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव बड़ी श्रद्धा और भव्यता के साथ हरकी पैड़ी के समीप गऊ घाट पर आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने आयोजन को भक्ति, उल्लास और आस्था से परिपूर्ण कर दिया।

महोत्सव का शुभारंभ नगर विधायक मदन कौशिक एवं हरिद्वार की मेयर किरण जैसल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर एवं भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। उन्होंने आयोजन समिति को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार के धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं और नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ते हैं।

मथुरा और वृंदावन से आए कलाकारों ने राधा-कृष्ण की भव्य झांकियों के माध्यम से जन्माष्टमी के अवसर पर जीवंत प्रस्तुतियां दीं। रथों, नृत्य दलों और सजीव मूर्तियों के माध्यम से राधा-कृष्ण की लीलाओं का ऐसा अद्भुत चित्रण किया गया कि श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। झांकी के साथ पूरे मार्ग में ‘जय श्रीकृष्ण’, ‘राधे-राधे’ के उद्घोष गूंजते रहे और श्रद्धालु झूमते हुए झांकियों के साथ चलते रहे।

इसके साथ ही भगवान शिव के तांडव नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों ने अपनी नृत्य कला से ऐसा वातावरण निर्मित किया कि दर्शक भक्ति में डूब गए। शिव तांडव के इस दृश्य ने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी और हर कोई इस अद्भुत अनुभव को आत्मसात करता दिखाई दिया।

संयोजक राजू वधावन ने कहा, “यह महोत्सव हमारी आस्था, परंपरा और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। हम 57 वर्षों से इसे निरंतर आयोजित कर रहे हैं और हर वर्ष समाज के हर वर्ग का सहयोग इसे भव्यता प्रदान करता है।”

उप संयोजक गोपाल कृष्ण गुलाटी ने कहा, “इस आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक उत्सव मनाना नहीं, बल्कि समाज को एकसूत्र में बांधना भी है। राधा-कृष्ण की झांकियों और शिव तांडव के माध्यम से हमने यह प्रयास किया कि लोग भक्ति के साथ संस्कृति से भी जुड़ें।”

इस भव्य आयोजन में नगर के कई गणमान्य नागरिक, समाजसेवी, पार्षदगण और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। महोत्सव को सफल बनाने में कोषाध्यक्ष सतीश उर्फ काका, उप कोषाध्यक्ष पंकज लाली, निदेशक गोपाल मोती, प्रेम कुमार, विशेष सहयोगी अरविंद बबली, पार्षद सुमित चौधरी, कमल खड़का, नीटू वधावन, मंगल वर्मा, आशु, ऋषभ, प्रिंस, चिराग, अमित कश्यप, आनंद विरमानी, राजू मल्होत्रा, संजय मल्होत्रा, इंद्र राज लालू, धीरज कुमार बंटी, रवि अग्रवाल, सम्मी अरोड़ा, किशोर खुराना, नरेश वेदी, बादल गोस्वामी, बिंद्रावन बिहारी, संजय बजाज, गगन तलवार, दिलीप, विशाल ठाकुर, विजय तलवार, हर्षित शर्मा, अरुण कुमार, भोला कुमार, सूरज शर्मा, देवराज खुराना, पंकज वशिष्ठ, सचिन जयपुर, विकास शर्मा, गिरधारी लाल शर्मा, राजेश कुमार, महेंद्र अरोड़ा, सतेंद्र वर्मा, वेद प्रकाश बत्रा, काकू बिरला, महेश जैन, गुड्डू, राम किशोर, नानक चंद, आदेश मारवाड़ी, नानक चंद अग्रवाल, राहुल, गोविंदा, और प्रेम पाल गट्टू प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के समापन पर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। श्रद्धालुओं ने इस आयोजन को आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बताते हुए इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की। आयोजन समिति ने सभी सहभागियों और सहयोगियों का आभार प्रकट किया और अगले वर्ष इसे और भी अधिक भव्य रूप में आयोजित करने का संकल्प लिया।

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