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प्रयागराज महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धर्म का सबसे बड़ा उत्सव:श्री महंत रविंद्र पुरी

ByAdmin

Dec 22, 2024

राजीव कुमार,हरिद्वार 

प्रयागराज महाकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने आगामी महाकुंभ के आयोजन को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस बार महाकुंभ मेला ऐतिहासिक रूप से बड़ा और भव्य होगा, जो देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को आकर्षित करेगा। यह मेला प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्य योगी नाथ के नेतृत्व में धूमधाम से आयोजित किया जाएगा।

 

महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति और धर्म का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है, जो हर बार प्रयागराज में आयोजित होता है। इस मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और समाज के लोग शामिल होते हैं, जो गंगा, यमुन और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करने के लिए आते हैं। श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज के अनुसार, इस बार मेला और भी ज्यादा भव्य होगा और श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ों तक पहुंचने का अनुमान है।

 

उन्होंने यह भी बताया कि महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर स्तर पर व्यवस्था की जाएगी, जिसमें शुद्ध जल, स्वच्छता, चिकित्सा सेवाएं, सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था, और अखाड़ों के संचालन के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस आयोजन में स्थानीय प्रशासन, पुलिस और विभिन्न संगठनों की कड़ी मेहनत और सहयोग से यह मेला सफलतापूर्वक आयोजित होगा।

 

श्री महंत ने कहा कि इस महाकुंभ में धर्म संसद का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होगी। इस धर्म संसद में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा, जिसमें सनातन धर्म के उत्थान के लिए ‘सनातन बोर्ड’ बनाने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अनुयायियों के हितों की रक्षा करने के लिए यह बोर्ड अत्यंत आवश्यक है, जो धर्म, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम करेगा।

 

महाकुंभ के आयोजन को लेकर श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने यह भी स्पष्ट किया कि देश में बढ़ती धार्मिक असहमति और उग्रता को देखते हुए, सनातन धर्म के अनुयायियों को एक मजबूत और संगठित मंच की आवश्यकता है, जो उनके धार्मिक अधिकारों की रक्षा कर सके। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से इस संबंध में समर्थन की अपील की है ताकि सनातन धर्म को एक नई पहचान और सम्मान मिल सके।

कुल मिलाकर, प्रयागराज महाकुंभ मेला इस बार विशेष रूप से ऐतिहासिक होगा, न केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि देशभर में सनातन धर्म की महत्ता और धार्मिक एकता को बढ़ावा देने के लिए भी। श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज की ओर से की गई इन घोषणाओं से यह संकेत मिलता है कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक महाकुंभ बनकर सामने आएगा।

इस महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। गंगा स्नान, अखाड़ों की शोभायात्राएं, धार्मिक उपदेश और संत-महात्माओं के प्रवचन इस मेले की विशेषताएँ होंगी। महाकुंभ का यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर और गौरव को भी पुनः स्थापित करने का एक माध्यम बनेगा।

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