उत्तराखंड के चारों धाम श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं : रविंद्रपुरी महाराज
अखाड़ा परिषद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्वागत करेगी
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड के चारों धाम व अन्य प्रमुख मंदिरों के नाम से ट्रस्ट या समिति का गठन किए जाने के खिलाफ कड़ा कानून बनाए जाने के निर्णय का स्वागत किया है।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि पौराणिक काल से स्थापित चारों धाम – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमनोत्री, उत्तराखंड की अदभुत पहचान तथा करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमनोत्री मंदिर के नाम पर अन्यंत्र स्थान पर मंदिर का निर्माण, समिति या
ट्रस्ट का गठन किए जाने से ही स्थानीय परम्पराओं एवं धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुँचती है। श्रद्धालुओं में भी भ्रम की स्थिति बनती है। इसे रोकने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा कानून बनाने का निर्णय लेकर सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अखाड़ा परिषद के संतों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलकर उनका स्वागत और अभिनंदन करेगा।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देवभूमि उत्तराखंड में स्थित चारों धाम के नाम का दुरूपयोग रोकने के लिए कानून बनाने के लिए सरकार के निर्णय का अखाड़ा परिषद स्वागत करती है।