मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के प्रारम्भ से ही पंचायती वनों से वन तथा वनों के अधिकार वितरण में पंचायती वन नियमावली के अनुसार स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है। राज्य सरकार द्वारा भी विभिन्न ऐसी योजनाओं का संचालन किया गया है जिससे कि वन पंचायतों से जुडें स्थानीय ग्रामीणों को वन संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए जागरूक करने के साथ ही विभिन्न आयपरक योजनाओं एवं उस क्षेत्र में ही लघु एवं कुटीर उद्योग से भी लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा इस वन पंचायत निर्देशिका के प्रकाशन से आम जनमानस को वन पंचायतों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होने के साथ-साथ पाठकों के लिए भी यह निर्देशिका अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी।
इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक वनपंचायत डॉ.धनन्जय मोहन, मुख्य वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते मौजूद रहे।