हरिद्वार, 21 अगस्त। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा विलक्षण संत थे। सनातन धर्म संस्कृति की पताका को पूरे विश्व में फहराने में उनका अहम योगदान रहा। उन्होेंने कहा कि भारतीय सेना में विंग कमांडर और इसके बाद सन्यासी के रूप में देश और धर्म सेवा में पायलट बाबा ने जो भूमिका निभायी। वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा का त्यागपूर्ण जीवन सभी को प्रेरणा देता रहेगा।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन पायलट बाबा त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। सांसरिक सुखों का त्याग कर सन्यास धारण करने वाले पायलट बाबा ने सनातन धर्म संस्कृति को पूरे विश्व में फैलाने में अहम भूमिका निभायी। पायलट बाबा की प्रेरणा से विश्व के तमाम देशों के लोगों ने सनातन धर्म संस्कृति को अपनाया।
जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने कहा कि संत महापुरूष केवल देह का त्याग करते हैं। उनकी आत्मा सदैव समाज का मार्गदर्शन करती है। धर्म और समाज को सर्वस्व अर्पण करने वाले ब्रह्मलीन पायलट बाबा का त्याग और तपस्या से परिपूर्ण जीवन हमेशा सभी को मानव कल्याण की प्रेरणा देता रहेगा।
महंत शैलेंद्र गिरी, महंत महाकाल गिरी, श्रीमहंत नारायण गिरी, महंत महेश पुरी, महंत शिव गिरी, श्रीमहंत रामरतन गिरी, महामंडलेश्वर हरिभारती, महंत अलख जति आदि संतों ने भी ब्रह्मलीन पायलट बाबा को श्रद्धांजलि दी।