चैत्र नवरात्र के अवसर पर माता लाल देवी मंदिर में विशेष अनुष्ठान, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने किया पूजा अर्चना
अनुष्ठान का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज में शांति और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना भी है:भक्त दुर्गा दास
हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार स्थित माता लाल देवी पवित्र गुफा वैष्णो देवी मंदिर में चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस दौरान पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने मां भगवती की पूजा अर्चना कर विश्व शांति और कल्याण की कामना की। स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया और धार्मिक महत्व को समझाया।
माता लाल देवी पवित्र गुफा वैष्णो देवी मंदिर ट्रस्ट के संचालक भक्त दुर्गा दास ने महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज का स्वागत किया और उन्हें माता की चुनरी ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मंदिर में भारी संख्या में भक्तों की उपस्थिति रही, जो मां भगवती की पूजा और अनुष्ठान में भाग ले रहे थे।
स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने कहा मां की सूक्ष्म आराधना करने मात्र से ही वह प्रसन्न हो जाती हैं। उनकी कृपा से हर संकट का निवारण होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। नवरात्रि का पर्व हमें अपनी आत्मा को शुद्ध करने का और मां के आशीर्वाद से अपने जीवन को सकारात्मक दिशा देने का अवसर देता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि देवी की पूजा केवल विधि-विधान से नहीं, बल्कि पूरे श्रद्धा भाव से करनी चाहिए। जब व्यक्ति पूरी श्रद्धा और भक्ति से मां की पूजा करता है, तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने भक्तों से अपील की कि वे इन नौ दिनों में अपनी बुराईयों से लड़ने का संकल्प लें और अपने जीवन में सत्य, प्रेम और शांति को अपनाएं।
इस अवसर पर भक्तों ने मां भगवती के जयकारों से मंदिर परिसर को गुंजायमान कर दिया। भक्तों ने न केवल पूजा-अर्चना की, बल्कि स्वच्छता और समाज सेवा के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी संकल्प लिया। मंदिर ट्रस्ट के संचालक भक्त दुर्गा दास ने कहा कि इस अनुष्ठान का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज में शांति और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना भी है।
पूजा कार्यक्रम में पंडित हेमंत थपलियाल, राजेश सकलानी, जगदंबा प्रसाद, विनय उनियाल, अश्वनी दीक्षित, दिवान सिंह सहित कई प्रमुख ब्राह्मणों ने भाग लिया और मां की आराधना की।