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कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के सुदृढ़ नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस का धमाकेदार खुलासा

ByAdmin

Jan 18, 2025

*यादगार खुलासे कर पूरे प्रदेश में नाम कमा रही हरिद्वार पुलिस*

*लोगों की गाड़े खून पसीने की लगभग एक करोड़ से अधिक की कमाई साफ करने वाले को हरिद्वार पुलिस ने भेजा जेल*

*ग्रामीणों की जेबों में डाका डालकर करोड़ों रुपए के गबन प्रकरण में हरिद्वार पुलिस की कार्यवाही*

*प्रकरण के मास्टरमाइंड, ₹5000/- के ईनामी को पुलिस ने दबोचा*

*आरोपी पर ईनाम घोषित कर कप्तान ने ग्रामीणों को न्याय दिलाने के लिए किया था S.I.T. का गठन*

*मंगलौर क्षेत्र के ग्राम अकबरपुर ढाढेकी स्थित मिनी बैंक से जुड़ा है गबन का मामला*

*पुलिस टीम ने आरोपी के कब्जे से 1600 से अधिक A.T.M. कार्ड, 900 से अधिक पासबुक, अन्य कागजात व उपकरण किए बरामद*

*प्रथम दृष्टया 6 से 7 गांवों के हजारों लोग प्रभावित हुए हैं, विवेचना जारी है*

*अब प्रकरण में बैंक व अनुबंधित फर्म की भुमिका की जांच में जुटी पुलिस*

*”आज के दौर में पैसों के लेनदेन में सभी को सावधानी बरतनी चाहिए, किसी पर आंख मूंदकर विश्वास न करें, अकाउंट में पैसा पहुंचा या नहीं इसका समय-समय पर पता जरूर करना चाहिए, जागरुकता जरूरी है, पुलिस टीम ने बढ़िया खुलासा किया है, घटना में जो जो भी शामिल होगा जेल भेजेंगे — एसएसपी हरिद्वार”*

*ये था मामला-*

कोतवाली मंगलोर क्षेत्र के ग्राम अकबरपुर ढाढेकी में एक आश्चर्यचकित करने वाला प्रकरण सामने आया था जिसमें ग्राम अकबरपुर ढाढेकी में प्रणव सैनी नामक व्यक्ति द्वारा एक मिनी एसबीआई बैंक की शाखा (कॉमन सर्विस सेंटर) खोल रखी थी जिसमें गांव एवं अन्य क्षेत्र के सभी आसपास के लोगों द्वारा अपने- अपने खाता खोलकर पैसे उक्त बैंक में रखे थे। इस बीच ग्रामीणों को पता चला कि उनके द्वारा जमा किए जा रहे पैसे असल में खाते में जा ही नही रहे हैं।

*ऐसे सामने आयी थी गबन की बात-*

मीठे बोल और मददगार छवि से आरोपी ने कुछ ही समय में आमजन का भरोसा जीत लिया था। आवागमन के साधनों की कमी व मुख्य बैंक शाखा की दूरी को देखते हुए लोग CSC के करीब आए तो वहीं आरोपी खाताधारकों की आकस्मिक जरूरत पर देर रात या खराब मौसम में भी रकम उपलब्ध करा देता था जिसके चलते सभी खाताधारकों का आरोपी पर भरोसा बना हुआ था।

इस भरोसे का फायदा उठाकर कथित संचालक ने पैसों के लेनदेन का हिसाब (डाटा इंट्री) पासबुक के बजाए अपनी डायरी पर करना शुरु कर दिया। कुछ व्यक्तियों द्वारा काफी मोटी-मोटी रकमें भी उक्त मिनी बैंक में जमा कर रखी थी।

इसी बीच एक खाता धारक जब कस्बा मंगलोर के एसबीआई बैंक में पैसे निकालने पहुंचा तो उसे पता लगा कि उसके अकाउंट में किसी प्रकार का कोई रकम नहीं है।

*S.B.I. का फर्म से है अनुबंध-*

CSC-e (कॉमन सर्विस सेंटर ई) गवर्नेंस सर्विसेज इण्डिया लिमिटेड व स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के बीच CSC सेंटर खोलने के अनुबंध किया गया है। अनुबंधित कंपनी मुख्य शाखा से ज्यादा दूरी पर CSC खोलती है ताकी आमजन अपने घर ए नजदीक ही बैंकिंग सुविधा का लाभ उठा सकें।

*₹10000/- की निकासी का था अधिकार-*

एसबीआई शाखा एवं अनुबंधित फर्म CSC-e (कॉमन सर्विस सेंटर ई) गवर्नेंस सर्विसेज इण्डिया लिमिटेड द्वारा आरोपी को यह अधिकार दिया हुआ था कि वह निकासी फॉर्म में खाताधारक एवं अपने हस्ताक्षर कर एक बार में ₹10000/- रुपए तक रकम की निकासी कर सकता था। इसी सुविधा का फायदा उठाकर आरोपी ग्रामीणों को बिना किसी परेशानी के रकम उपलब्ध करा देता था।

*आमजन में था भारी आक्रोश-*

उक्त बात कुछ लोगों से होती हुई आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई जिससे कि स्थानीय लोगों में काफी रोष व्याप्त हो गया तथा जगह-जगह आरोपी संचालक को गिरफ्तारी करने के लिए धरने प्रदर्शन होने लगे। प्रबंधक उत्तराखंड CHC श्री राजेश तिवारी द्वारा उक्त प्रकरण में कोतवाली मंगलौर पर अंतर्गत धारा 316(5),318(4) BNS पंजीकृत कराया गया।

*कप्तान ने समझी आमजन की पीड़ा-*

भोली भाली जनता से जुड़े इस मामले की जानकारी मिलने पर कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा सख्त रुख अपनाते हुए S.I.T. का गठन किया गया व जल्द से जल्द ठगी का शिकार हुए ग्रामीणों को न्याय दिलाने के सुस्पष्ट निर्देश जारी किए गए। इसी बीच लगातार फरार आरोपी पर एसएसपी हरिद्वार द्वारा ₹5000/- का ईनाम घोषित किया गया।

*सार्थक मेहनत का निकला सार्थक परिणाम-*

आरोपी की गिरफ्तारी एवं साक्ष्य संकलन के लिए लगी पुलिस टीम ने दिन-रात मेहनत कर आखिरकार दिनांक 17.01.2025 को मुखबिर की सूचना पर नारसन क्षेत्र से आरोपी प्रणव सैनी को दबोचने में कामयाबी हासिल की। टीम ने साथ ही चलाए जा रहे सीएससी सेंटर से विभिन्न कागजात व उपकरण भी बरामद किए। विधिक कार्यवाही जारी है।

*लेनदेन में सावधानी है जरूरी-*

वर्तमान दौर में धोखाधडी और ठगी की लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए किसी का भी आंख मूंदकर भरोसा करना ठीक नही।

किसी भी लेनदेन में ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि कहीं भरोसे या मुनाफे की आड़ में आपसे धोखाधड़ी तो नही हो रही है।

*बैंक व अनुबंधित फर्म आए पुलिस की रडार पर-*

ठगी और गबन के इस प्रकरण की गहराई से जांच करने में जुटी पुलिस अब बैंक और अनुबंधित फर्म की भुमिका की पड़ताल में जुटी हुई है। यहां सबसे बड़ा सवाल उभरकर यह आ रहा है आखिर ग्रामीणों द्वारा जमा की जा रही रकम के डाटा को क्रॉसचैक करने की जिम्मेदारी किसकी थी और आखिरकार ग्रामीणों के लेनदेन के ग्राफ में दिख रही अनियमितता (कमी) को क्यों संबंधित द्वारा नजरअंदाज किया गया।

*क्षेत्रवासियों ने जताया आभार-*

मेहनत की कमाई को ठगने के आरोपी के खिलाफ पूरी शिद्दत से कार्यवाही करने पर पीड़ित जन सहित स्थानीय लोगों द्वारा एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के नेतृत्व एवं हरिद्वार मंगलौर पुलिस की मेहनत की प्रशंसा करते हुए आभार प्रकट किया।

*पकड़ा गया आरोपित-*

प्रणव सैनी पुत्र रविंद्र सैनी निवासी अकबरपुर ढाढेकी कोतवाली मंगलोर हरिद्वार

*बरामद माल-*

1- ATM कार्ड- 1600 से अधिक

2- पासबुक- 900 से अधिक

3- आधार कार्ड- 38

4- पैनकार्ड- 11

5- मतदाता पहिचान पत्र- 05

6- लैपटाप- 02

7- कम्यूटर मैनिटर- 02

8- सीपीयू- 01

9- प्रिंटर- 01

10- बायोटेैक मशीन

11- ₹3720/- नगद

12- अन्य मशीन व सामान

*पुलिस टीम मंगलौर-*

1- सीओ मंगलौर विवेक कुमार

2- प्रभारी निरीक्षक शान्ति कुमार

3- उ0नि0 रघुवीर रावत

4- उ0नि0 वीरपाल

5- उ0नि0 रामबहादुर क्षेत्रीय

6- हे0कानि0 इन्तेन्द्र डबराल

7- कानि0 केडी राणा

8- कानि0 मौ0 आमिर

9- कानि0 पुनीत सेमवाल

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