हरिद्वार।शिवडेल स्कूल, हरिद्वार की जगजीतपुर एवं भेल शाखा में विद्यारंभ संस्कार समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्कूल के संस्थापक स्वामी शरद पुरी द्वारा ज्ञान की देवी माँ सरस्वती एवं भगवान श्री गणेश जी को दीप प्रज्वलन एवं पुष्पमाला अर्पित करके किया गया। स्वामी जी ने नन्हे मुन्ने बच्चों को तिलक लगाकर कलावा बाँधा और शुभाशीष प्रदान किया।
स्वामी शरद पुरी ने कहा कि यह भारत की प्राचीन परंपरा है, कि प्रत्येक शुभ कार्य का आरंभ ओंम् से होता है। ओंम् ईश्वर के सभी रूपों का मूल है। इसका उच्चारण वाणी में मधुरता उत्पन्न करता है। यह केवल एक ध्वनि नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड की उत्पत्ति एवं स्थिति का प्रतीक है। यह शब्द शांति, ज्ञान और सकारात्मकता का स्रोत है। बच्चे जब ओंम् का उच्चारण करते हैं, तो यह उनके जीवन में सद्गुणों के आगमन और हर एक कठिनाई को पार करने की क्षमता का प्रतीक बनता है।
विद्यारम्भ संस्कार न केवल शिक्षा की शुरुआत है, बल्कि यह बच्चों में गहरी आध्यात्मिक चेतना और ज्ञान के प्रति प्रेम का संचार करता है, जो बच्चों को जीवन के हर कदम पर मार्गदर्शन देता है। यह संस्कार बच्चों को जीवन में शिक्षा की वास्तविक महत्ता को समझने और आंतरिक ज्ञान को जगाने की शक्ति प्रदान करता है, इसीलिए विद्यालय प्रांगण में प्रथम कदम रखने वाले नन्हे छात्रों से ओंम् की रूपरेखा अंकन एवं उच्चारण कराया जाता है, जिससे ये नन्हे बच्चे आगे चलकर संस्कारवान नागरिक और श्रेष्ठ भारत की मजबूत नींव बने।
उपहार, मिठाइयाँ और खिलौने प्राप्त कर बच्चों के चेहरे पर उल्लास और आशा की झलक स्पष्ट दिखाई पड़ रही थी।
इस अवसर पर जगजीतपुर शाखा के प्रधानाचार्य अरविन्द बंसल, भेल शाखा के प्रधानाचार्य पुनीत श्रीवास्तव, कोऑर्डिनेटर विपिन मालिक एवं समस्त शिक्षक गण उपस्थित रहे |