• Tue. Oct 8th, 2024

सिद्ध अखण्ड ज्योति के प्रकाशपुंज से जगमगाएगा छत्तीसगढ़ व ओडिशा प्रांत

ByAdmin

Sep 22, 2024

सोते हुए व्यक्ति को जगाने का कार्य करेगी ज्योति कलश यात्रा ः डॉ चिन्मय पण्ड्या

राष्ट्र निर्माण के विचारों को जन जन तक पहुंचाना है ः लक्ष्मी राजवाड़े

 

हरिद्वार 22 सितम्बर।

गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में चल रहे ज्योति कलश यात्रा कार्यशाला के समापन सत्र का शुभारंभ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या, छग की केबीनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े व गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मंडल की प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यशाला में छत्तीसगढ के 33 जिले व ओडिशा के 30 जिलों के प्राणवान कार्यकर्त्ता शामिल रहे। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ व ओडिशा के प्रत्येक गाँवों में वर्ष 1926 से सतत प्रज्वलित दिव्य अखण्ड ज्योति के प्रकाशपुंज को पहुुंचाने के लिए संकल्पित कराया गया। वहीं इस दौरान सात शक्ति कलश का पूजन किया गया। साथ ही छग व ओडिशा के परिजनों ने गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या व श्रद्धेया शैलदीदी से भेंटकर मार्गदर्शन व आशीर्वाद लिया।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि छग की महिला, बाल विकास व समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि युगऋषि पूज्य आचार्यश्री के राष्ट्र निर्माण के विचारों को छग के जन जन तक पहुंचाना है। महिलाओं और बच्चों में नैतिकता का विकास होने से ही समाज का कल्याण हो सकता है। केबीनेट मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि ज्योति कलश यात्रा के माध्यम से समाज के प्रत्येक वर्ग तक सकारात्मक विचारों को पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि मेरा परिवार गायत्री परिवार के अनेक सकारात्मक कार्यों से जुड़ा है। पूज्य आचार्यश्री द्वारा रचित युगसाहित्य में विकसित राष्ट्र की परिकल्पना विद्यमान है। केबीनेट मंत्री ने कहा कि वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी का युग संदेश महिलाओं में नारी सशक्तिकरण का महत्त्वपूर्ण कार्य करेगा।

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह समय अकल्पनीय सौभाग्य लेकर आया है। पूरी दुनिया को बदलने का संकल्प लेने वाले युगऋषि वेदमूर्ति पं श्रीराम शर्मा आचार्य की चेतना घनीभूत हो रही है और ऐसे समय में उनके कार्य में सहभागी बनना हमारा परम सौभाग्य है। युवा आइकान ने युगऋषि के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व को याद करते हुए गायत्री परिवार को मत्स्यावतार का प्रत्यक्ष उदाहरण बताया। प्र्रतिकुलपति ने कहा कि ज्योति कलश यात्रा को छत्तीसगढ़ व ओडिशा के प्रत्येक गाँव-गाँव, गली-गली में लेकर जाना है और सनातन संस्कृति की धारा व अखण्ड ज्योति के प्रकाशपुंज से प्रत्येक सोते हुए अर्थात निष्क्रिय व्यक्ति को जगाना है।

इससे पूर्व गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मण्डल की प्रमुख श्रीमती शैफाली पण्ड्या ने कहा कि नारी सशक्त हो गयी, तो कई समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जायेगा। नारियों को भी अपने अंदर आत्म विश्वास और आत्म बोध को जगाना होगा। उन्होंने कहा कि नारियों को वैश्विक स्तर पर रचनात्मक कार्यक्रमों को गति देने हेतु अपना कदम आगे बढ़ाना है।

इस अवसर पर ओडिया व छत्तीसगढी भाषा में प्रज्ञागीतों की विशेष प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। समापन से पूर्व ज्योति कलश यात्रा प्रज्ञागीत एवं डॉक्यूमेंंट्री का विमोचन किया गया। केबीनेट मंत्री को स्मृति चिह्न, गंगाजली, युग साहित्य आदि भेंटकर सम्मानित किया गया। वहीं देवसंस्कृति विवि स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव प्रागंण से भव्य ज्योति कलश रैली की शुरुआत हुई, जो हरिपुर कलाँ होते हुए शांतिकुंज पहुंची। युगऋषिद्वय की पावन समाधि स्थल में दिव्य कलशों का पूजन आरती की गयी। इस अवसर पर शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरी, देवसंस्कृति विवि के कुलपति श्री शरद पारधी सहित शांतिकुंज के अनेक वरिष्ठ कार्यकर्त्तागण तथा छग व ओडिशा प्रांत से आये परिजन उपस्थित रहे।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *