हरिद्वार। महिला विद्यालय डिग्री कालेज, सती कुण्ड, कनखल हरिद्वार में संगीत विभाग की प्रो0 गीता जोशी, प्राचार्या द्वारा ‘’रागों की रसाभिव्यक्ति’‘ विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि डा0 अनुपमा सक्सेना, डी0ए0वी0 पी0जी0 कालेज देहरादून ने रागों की रसाभिव्यक्ति विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंनें छात्राओं को रागों से होने वाली रसोत्पत्ति के बारे में बताते हुए साहित्य और संगीत में नौ रसों के महत्व को विस्तारपूर्वक समझाया। उन्होंनें उदाहरण सहित बताया कि किस प्रकार केवल सात स्वरों का विभिन्न तरीके से प्रयोग करके एक कलाकार भिन्न-भिन्न भावों की अभिव्यक्ति करता है, जिनसे की विभिन्न रसों की उत्पत्ति होती है। उन्होंने गायन, वादन व नृत्य तीनों कलाओं में रस व भावों को महत्वपूर्ण बताया।
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो0 गीता जोशी ने कहा कि वो राग ही है जो कलाकार और दर्शक के बीच समझ को उत्पन्न करता है। उन्होंनें छात्राओं को अपने सुरों में भाव तथा रस कों महत्वपूर्ण स्थान देने के लिए कहा। उन्होंनें छात्राओं को दैनिक अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर प्रो0 शशी प्रभा, यासमीन अमीर, प्रो0 प्रीति आत्रेय, डॉ0 प्रेरणा पाण्डेय, डॉ0 राखी सिंह, अनुराधा शर्मा, अनुराधा चौधरी, अंकित गोइल, श्री कांत, शुभम लोधा, विनीत कुमार, सीमा रानी तथा बिजेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।