हरिद्वार।पहाड़ों के देवता की रूप में जाने जाने वाले विश्वनाथ जगदी शीला डोली पहाड़ों से उतरकर आज धर्मनगरी हरिद्वार पहुँची है, जहाँ डोली ने हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड में पतितपावनी मां गंगा में स्नान किया है और डोली की विधिवत पूजा अर्चना कर विश्वशांति की और देव संस्कृति की रक्षा और संस्कृत भाषा के उन्ननयन की कामना की गयी है , ढोल दमायु और नगाड़ों की थाप पर श्रद्धालुओं के साथ उत्तराखंड के पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी की अगुवाई में पहुँची बाबा की डोली का हरकी पैडी पहुचने पर जोरदार स्वागत किया गया और पूरे विधिविधान के साथ डोली को माँ गंगा में स्नान करवाया गया और पूजन किया गया,डोली का स्वागत किया , और इस दौरान कामना की कि इस समय जो हालात देश में बने हुए हैं वह शांत और सामान्य हो, साथ मे नागेंद्र देवता की डोली भी आई हुई थी।
इस डोली यात्रा मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड की देव भूमि का जो कंसेप्ट है उसे सिद्ध करने के लिए पिछले 25 वर्षों से लगातार चल रही है 378 धाम चिन्हित कर लिए दिए गए हैं और इसी तरह से 1000 धाम चिन्हित करके पूरे विश्व में उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का कार्य करना मुख्य उद्देश्य है ,आज हरिद्वार पहुँची देवडोली यहां से गंगा दशहरा के दिन विशौन पर्वत टिहरी गढ़वाल पहुचेगी और वहां 5 जून को इस यात्रा का समापन होगा।
महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज का कहना है कि यह डोली यात्रा 26 वे साल में हो रही है और मैं धन्यवाद करना चाहूंगा मंत्री प्रसाद नैथानी जी आभार प्रकट करता हूं कि उन्होंने हमें भी प्रेरणा दी और हम सब ने यहां पहुंचकर जनकल्याण की भावना से विश्व शांति की भावना से यहां पर पूजा की है और देवडोली की पूजा की है, सारे विश्व में शांति हो, कोई आपदा न आये , सब अपने आप में खुश खुशहाल रहें जैसे पहले परमपिता परमात्मा की रौनक थी वह रौनक दोबारा आए, देवडोली की पूजा के अवसर पर प्रभु से यही प्रार्थना की है, आज विश्वनाथ जगदी शिला डोली ने मां गंगा में स्नान किया है और उनकी विधिवत पूजा की गई है, उन्होंने कहा कि अगले वर्ष यह यात्रा 27 वी होगी और प्रार्थना की गई कि कैसे और विश्व में जो हालात इस समय बने हुए है वे शांत हो।
स्वामी ललिता नंद ,महामंडलेश्वर, निरंजनी अखाड़ा, हरिद्वार
विश्वनाथ जगदी शिला डोली यात्रा के संयोजक पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी का कहना है कि विश्वनाथ जगदीश शिला डोली इस वर्ष 26 वर्ष में पूरे उत्तराखंड के भ्रमण पर निकली है और प्रतिवर्ष यह यात्रा चलती है विश्व शांति की कामना के लिए देश संस्कृति की रक्षा के लिए और चार धाम के साथ-साथ 1000 धाम उत्तराखंड में स्थापित हो संस्कृत भाषा का उन्नयन हो के उद्देश्य के साथ यह यात्रा निकलती है , डोली का भ्रमण कार्यक्रम 5 जून तक है और इस दौरान डोली चारों धामो के साथ ही पूरे उत्तराखंड के विभिन्न देवालयों में साढ़े 10 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी, बाबा विश्वनाथ जगदी शिला डोली विश्व की शांति की कामना के लिए प्रदेश की प्रगति के लिए यह डोली चलती है और टिहरी गढ़वाल के विशौन पर्वत पर वहां 5 जून गंगा दशहरा के दिन पहुंचेगी और 5 जून को जगदीश शीला पर लोगों को आशीर्वाद देने के साथ यात्रा सम्पन्न होगी , डोली यात्रा का मुख्य उद्देश्य हमारे उत्तराखंड की जो भूमि है देव भूमि है यह देव भूमि का कंसेप्ट सिद्ध करने के लिए पिछले 25 वर्षों से लगातार चल रही है 378 धाम चिन्हित कर लिए दिए गए हैं और इसी तरह से 1000 धाम चिन्हित करके पूरे विश्व में उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने का कार्य करना है और देश मे बने हुए हालात में शांति आये।
मंत्री प्रसाद नैथानी, पूर्व केबिनेट मंत्री, संयोजक , यात्रा, हरिद्वार